रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कड़क छवि के बीच मंगलवार को उनकी एक भावुक तस्वीर सामने आई, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। पुतिन को घुटनों के बल बैठकर प्रार्थना करते और आंखों में आंसू लिए देखा गया। यह दृश्य बेसलान शहर में हुआ, जहां उन्होंने 2004 के आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बेसलान हमले की दर्दनाक यादें हुईं ताजा रूसी मीडिया द मॉस्को टाइम्स के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन बेसलान शहर के सिटी ऑफ एंजल्स मेमोरियल कब्रिस्तान पहुंचे, जहां उन्होंने हमले के पीड़ितों के सम्मान में फूल चढ़ाए और घुटनों के बल बैठकर प्रार्थना की। इस भावुक क्षण ने 20 साल पहले हुए आधुनिक रूसी इतिहास के सबसे घातक आतंकी हमले की दर्दनाक यादें फिर से ताजा कर दीं।
2004 का बेसलान हमला: रूसी इतिहास का काला दिन 1 सितंबर 2004 को चेचन्या के सशस्त्र उग्रवादियों ने बेसलान के स्कूल नंबर 1 पर हमला किया था। इस हमले में 1100 से अधिक लोगों को दो दिनों तक बंधक बना लिया गया था, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे। राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी सैनिकों को बंधकों को छुड़ाने का आदेश दिया। इस संघर्ष में 31 आतंकी मारे गए, लेकिन दुर्भाग्यवश 186 बच्चों सहित 334 निर्दोष नागरिकों की भी जान चली गई। इस घटना ने रूस सहित पूरी दुनिया को गहरे शोक में डाल दिया था।
पीड़ितों की माताओं से मुलाकात बेसलान की इस यात्रा के दौरान पुतिन ने हमले में मारे गए लोगों की माताओं से भी मुलाकात की। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए यह आरोप लगाया कि विदेशों में कुछ लोग इस हमले को उचित ठहराने और आतंकवादियों को हर तरह की सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहे थे। पुतिन की इस भावुक यात्रा ने न केवल बेसलान के लोगों के जख्मों को कुरेदा, बल्कि दुनिया को भी उस खौफनाक घटना की याद दिला दी।
निष्कर्ष रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस यात्रा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि चाहे वह कितने भी सख्त प्रशासक क्यों न हों, कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो दिल को छू जाती हैं और उन यादों को ताजा कर जाती हैं, जिन्हें समय भी भुला नहीं पाता।