पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंचकर मेडल से चूकीं भारतीय पहलवान विनेश फोगाट आज सुबह साढ़े दस बजे दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर निकलीं। विनेश के चेहरे पर भावनाओं का सैलाब साफ नजर आ रहा था। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही वह अपनी मां से लिपटकर रोने लगीं, और उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
एयरपोर्ट पर विनेश का स्वागत करने के लिए भारी भीड़ जमा थी। इसमें ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, पहलवान बजरंग पुनिया और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित सैकड़ों लोग शामिल थे। हर कोई विनेश की इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई देने के लिए वहां मौजूद था।
साक्षी मलिक ने विनेश की उपलब्धियों को बताया ‘मेडल से बड़ी’
ओलंपिक मेडल विजेता साक्षी मलिक ने विनेश के बारे में बात करते हुए बीबीसी से कहा, “विनेश फोगाट की उपलब्धि मेडल से कहीं बड़ी है। आज भारतीय खेलों के लिए बहुत बड़ा दिन है, विनेश देश की पहली लड़की हैं जो पहलवानी में ओलंपिक के फाइनल मुकाबले तक पहुंची हैं।”
राजनीति से परे विनेश का सम्मान
कांग्रेस से जुड़े नेताओं और किसान संगठनों की मौजूदगी के सवाल पर साक्षी ने स्पष्ट किया, “आज हम बस चैंपियन का स्वागत कर रहे हैं, इसमें राजनीति नहीं देखी जानी चाहिए।” साक्षी ने जोर देकर कहा, “विनेश असली चैंपियन हैं। वह एक ऐसी पहलवान को हराकर लौटी हैं जो आज तक कुश्ती में कभी नहीं हारी थीं।”
देश के लिए गर्व का पल
विनेश फोगाट की इस उपलब्धि ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। हालांकि वह मेडल नहीं जीत पाईं, लेकिन उनकी हिम्मत और जज्बे ने उन्हें भारतीय खेलों का एक नया सितारा बना दिया है। विनेश की इस यात्रा को सिर्फ एक स्पोर्ट्स करियर के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह भारतीय महिलाओं की अदम्य इच्छाशक्ति और संकल्प की कहानी भी है।