मणिपुर के इंफाल ज़िले में रविवार को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। इस ताज़ा हिंसा में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 9 अन्य लोग घायल हुए हैं। राज्य में पिछले चार महीने से हिंसा की कोई ख़बर नहीं थी, लेकिन अचानक इस हिंसा ने एक बार फिर राज्य को हिलाकर रख दिया है।
ड्रोन से किया गया हमला
मणिपुर पुलिस का कहना है कि हमलावरों ने अत्याधुनिक ड्रोन और रॉकेट प्रोपैल्ड गन (RPG) का इस्तेमाल किया है। पुलिस के मुताबिक़, इस तरह के हथियार आमतौर पर युद्ध के दौरान इस्तेमाल होते हैं। पुलिस ने हमले में ‘कुकी चरमपंथियों’ के शामिल होने का संदेह जताया है।
पुलिस ने बताया कि हमले में एक 31 वर्षीय महिला सुरबाला देवी की मौत हो गई है। उनका शव पोस्टमार्टम के लिए रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) भेजा गया है। एक अन्य मृतक की पहचान अभी नहीं हो सकी है। हमले में दो पुलिसकर्मी और एक टीवी पत्रकार भी घायल हुए हैं।
हमले के बाद प्रशासन की कार्रवाई
इस हमले के बाद मणिपुर पुलिस और राज्य के अधिकारी स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। पुलिस ने इंफाल पश्चिम ज़िले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जो कि रविवार शाम से लागू है। पुलिस के महानिदेशक ने सभी ज़िलों के पुलिस अधीक्षकों को संवेदनशील इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
कुकी समुदाय की प्रतिक्रिया
कुकी समुदाय के सबसे बड़े संगठन ‘कुकी इंपी मणिपुर’ ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। संगठन ने इसे ‘कुकी ज़ो’ समुदाय के खिलाफ़ सुनियोजित हमला बताया है और केंद्र सरकार से राज्य सरकार की भूमिका के खिलाफ़ तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
हिंसा की पृष्ठभूमि
मणिपुर में क़रीब डेढ़ साल पहले हिंसा का दौर शुरू हुआ था, जब मणिपुर हाई कोर्ट ने 27 मार्च 2023 को राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने पर विचार करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
वर्तमान हालात
राज्य में स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हो पाई है। हिंसा प्रभावित मैतेई और कुकी समुदाय के लोग अब भी बड़ी संख्या में राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस ताज़ा हिंसा ने एक बार फिर राज्य में तनाव को बढ़ा दिया है और स्थिति नाज़ुक बनी हुई है।